कैसे पता चलेगा डिलीवरी नार्मल होगा कि सिजेरियन | नार्मल डिलीवरी टिप्स हिंदी

हेलो दोस्तों आप सभी का स्वागत है हमारे इस नए ब्लॉग में तो आज हम फिर से लेकर आये है एक और प्रेगनेंसी से जुड़ा हुआ आर्टिकल को लेकर तो आज के इस आर्टिकल में आपको कैसे पता चलेगा डिलीवरी नार्मल होगा कि सिजेरियन इस के सम्बादित आपको जानकारी मिलने वाली है उसके साथ ही आखिर सिजेरियन डिलीवरी के फायदे क्या क्या होते है और क्या नुसकान होते है उसके साथ ही बहुत लोगो को नार्मल डिलीवरी टिप्स हिंदी की जानकारी चाहिए होती है और आर्टिकल के अंत में आपको सिजेरियन डिलीवरी में कितने टांके आते हैं इस की भी जानकारी आपको मिल जाएगी तो आप ये आर्टिकल सुरु से अंत तक पढ़ लीजिये और इनके साथ ही आपको डिलीवरी के रिलेटेड सारे सवाल का के जवाब भी आपको यही पर देखने को मिल जाएंगे तो आप ये आर्टिकल शरू से अंत तक पढ़ लीजिये ।

कैसे पता चलेगा डिलीवरी नार्मल होगा कि सिजेरियन ये सवाल जयदा कर के जो पहली बार माँ बनती है उनके मन में ये सवाल आता है और ये सवाल आना बहुत ही नार्मल बात है । तो आपको थोड़ा सा आसान शब्दों में बता देते है की जो नॉर्मल डिलीवरी होती है इस प्रोसेस में टांके ना के बराबर लगते हैं और दोनों को यानि की माँ को और नवजात बच्चे को कोई संक्रमण होने का खतरा भी नहीं होता है और बात रही माँ की रिकवरी की तो कुछ ही दोनों में रिकवरी ये पॉसिबल हो जाती है ।

दूसरी तरफ अगर सिजेरियन डिलीवरी की बात करे तो इसके भी अपने फयदे होते है तो सिजेरियन डिलीवरी बुरी होती है ये बात आप अपने दिमाग से निकला लीजिये । आपकी डिलीवरी नार्मल होगा कि सिजेरियन ये ख़ास कर के यूट्रस की पोज़िशना क्या है ये सब को धयान में रख कर तय होता है ।

आज कल आपकी डिलीवरी किस दिन होगा ये भी अचूक पता चल जाता है उसके साथ ही डिलीवरी में कुछ प्रॉब्लम है तो ये भी पहले ही पता चल जाता है तो ऐसे सिथि में डॉक्टर सिजेरियन की तरफ जाने की राय देते है ।

कैसे पता चलेगा डिलीवरी नार्मल होगा कि सिजेरियन

अभी हम देख लेते है की आखिर लीवरी नार्मल होगा कि सिजेरियन तो डिलवरी करते समय माँ और उसके बच्चे की हेल्थ कैसी है ये देख कर आखरी फैसल लिया जाता है उसके साथ ही आज के इस लाइफस्टाइल के बीच में प्रेगनेंसी ये किंतनी भी अछि चल रही हो कुछ ना कुछ बीच में प्रॉब्लम आ ही जाती है उसके कारन से उस समय में नार्मल डिलीवरी पॉसिबल नहीं होती है

आपको सच नहीं लगेगा पर आज के इस समय में नार्मल डिलीवरी की प्रोसेस कम होकर सिजेरियन की संख्या बढ़ रही है इसका एक और कारन हो सकता है की किसी किसी को नार्मल डिलीवरी में होने वाला दर्द ये बहुत ही असहनीय लग सकता है तो ऐसे सिथि में खुद से ही सिजेरियन की तरह का रुख कर सकते है

डॉक्टर नार्मल डेलिवरी करने से पहले बच्चा ये साइड है , बच्चे का वजन कितना है , बच्चे की हेल्थ कैसी है , बच्चेदानी का मुंह सही से ओपन हुआ है या नहीं , गर्भाशय में पानी कितना है, क्या माँ का शरीर नॉर्मल डिलीवरी को सही से साथ देगा या नहीं इन सब की जांच ये कर लेते है तो इन सब बातो का ध्यान कर कर आप डिलीवरी नार्मल होगा कि सिजेरियन होगी इसका पता लगा सकते हो ।

बच्चे की पोजीशन से पता करें डिलीवरी नॉरमल होगी कि सिजेरियन

तो जैसे की हमने आपको ऊपर बहुत ही डीटेल में ऎसी सिथि बता दी थी जिस से आप पता कर सकते हो उस में बच्चे की पोजीशन क्या है ये बता दिया था तो ये सब जानने के लिए कार्डियोटोकोग्राफी की जाती है आसान शब्दों में अल्ट्रासोनिक रिपोर्ट तो इस से डॉक्टर देख लेते है की आखिर बचे की सिथि क्या है । तो आगे हम आपको बता देते है की आखिर क्या क्या पॉसिबिलिटी हो सकती है ।

Normal Position | नार्मल डिलीवरी टिप्स हिंदी

बहुत ही आसान शब्दों में इसकी जानकारी आपको बता देते है तो इस कंडीशन में बच्चे का मुँह ये यूट्रस की तरफ होता है और ऑस भी जो होती है वो भी पूरी तरह से खुल जाती है तो ऐसे सिथि में नॉर्मल डिलीवरी होने का चास ये जयदा होता है ।

Transverse Position (आड़ा) | सिजेरियन डिलीवरी के फायदे

ये ऎसी सिथि होती है जिस में बच्चेदानी में बच्चा ये आड़ा हो जाता है जिस के कारन से नार्मल डिलवरी होना बहुत ही कठिन हो जाता है ।

Breech Position (पीछे का भाग)

ये कंडीशन तब होती है जब पेट के अंदर बहुत जयदा हलचल करने लग जाता है जिस के कारन  पेट के अंदर उल्टा हो जाता है यानी की बच्चे का सिर ये ऊपर चला जाता है और पीछे का हिस्सा ये निचे आ जाता है तो उसके कारन से बच्चा ये नोरनल तरह से बाहर नहीं आ सकता है ।

ये भी पढ़ लीजिये पीरियड के बाद कितने दिन बच्चेदानी खुली रहती है

महिला की इस परिस्थिति में सिजेरियन डिलीवरी की संभावना होती है

अभी हम देख लेते है की आखिर किस सिथि में नॉर्मल डिलीवरी की संभावना होती है तो सब से पहले महिला को दर्द ये शरू हो गया है इसके साथ ही महिला के यौन का ऑस भी सही से ओपन हो रहा है तो इस कंडीशन में बच्चेदानी का मुंह खोलकर ये नार्मल डिलीवरी होती है ।

बच्चे की सिथि ये सही है यनि की बचे का मुँह बच्चेदानी की तरफ और बच्चे के पैर ऊपर है तो इस सिथि में भी नॉर्मल डिलीवरी होती है । बच्चे का वजन भी बहुत निर्भर करता है जिस में अगर बचे का वजन ये 4 किलो से कम है तो नार्मल डिलीवरी हो सकती है ।

अगर लास्ट महीने में  प्राइवेट पार्ट से डिस्चार्ज हो रहा है तो नॉर्मल डिलीवरी ये संकेत होते है । आखिर के करीब 4 वीक में अगर पेट के नीचे दर्द हो रहा हो या फिर ऐठन जैसा फील हो रहा है या फिर  फॉल्स लेबर पेन हो रहा है तो आपको नॉर्मल डिलीवरी हो सकती है ये एक और संकेत है ।

बच्चेदानी का मुंह अगर अपना शेप बदल रहा है यानि की फूलने लग रहा है तो ये भी एक ाचा संकेत है । बार बार बाथरूम लगना ये भी एक सकते होता है डॉक्टर के अनुसार ।

इन अवस्था में सिजेरियन डिलीवरी की जाती है (condition for cesarean delivery)

अभी तक हमने जान लिया है की कैसे पता चलेगा डिलीवरी नार्मल होगा कि सिजेरियन तो अभी के इस हिस्से में सिजेरियन डिलीवरी किस परिस्तिथि में किया जाता है तो कभी कभी कुछ ऐसी कंडीशन निर्माण हो जाती है वह पर नार्मल डिलीवरी ये पॉसिबल ही नहीं होती है तो ऐसे समय में योनि के ऊपर छोटा सा कट लगा कर बचे को इस दुनिया में लाया जाता है ।

अगर बच्चे की नार्मल डिलीवरी होने में प्रॉब्लम आ रही है जैसे की यूट्रस या फिर वजाइना के बीच में कुछ  मांस के कारन या फिर पेल्विस बोन ये छोटा होने के कारन बच्चा ये बहार आने में प्रॉब्लम आ जाती है तो इस समय में सिजेरियन डिलीवरी की करते है ।

जैसे की हमने पहले ही बता दिया था की डिलीवरी में दोनों की हेल्थ का ख्याल रखना जरुरी होता है तो कुछ कुछ कंडीशन ऐसे भी निर्माण हो जाते है तब बच्चे की गर्भनाल के योनि से बहार निकली हुई दीख रही है उस कंडीशन में बच्चे को खून ये मिलना बंद हो जाता है जिस के कारन बचे को जाहिर सा खतरा निर्माण होगा तो ऐसे सिथि में सिजेरियन डिलीवरी करते है ।

ऊपर से ही कुछ मिलता जुलता एक और सिथि है जिस में बच्चेदानी में पानी में कम होता है या फिर पूरी तरह से खतम हो जाता है उस के कारन से  बच्चे के दिल की धड़कन बढ़ जाती और पैदा होने से पहले ही अनहोनी होने का खतरा ये होता है उसलिए डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी तरफ जा सकते है । बचे की सिथि ये सही नहीं है तो भी इस तरफ जा सकते है ये हमने आपको ऊपर डिटेल में बता दिया है ।

उसके साथ ही अगर बच्चे ने बच्चेदानी में गंध यानि की मेकोनियम किया है तो ये सिथि बहुत ही खरतनाक हो सकती है जिस में ये मेकोनियम बच्चे के मुँह में जा सकता है और बच्चे की कंडीशन में बुरा असर दाल सकती है तो ये भी एक कारन हो सकता है । ऐसे ही अलग अलग कंडीशन होती है जिस के कारन कभी कभी पहले ही पता चलता है तो कभी कभी ये उस ही पल पता चल जाता है तो आपको ये दोनों के लिए त्यार होना होता है

कोनसी डिलीवरी करना सुक्षित होता है नार्मल या सिजेरियन

अभी कैसे पता चलेगा डिलीवरी नार्मल होगा कि सिजेरियन ये पढ़ने के बाद आपके मन में ख्याल आया ही होगा की आखिर कोनसी डिलीवरी करना सुक्षित होता है नार्मल या सिजेरियन तो दोनों के अपने अपने फयदे है और नुकसना भी है जिस में कुछ महिलाओ को नार्मल डिलीवरी में हद से जयदा दर्द होता है तो वो सिजेरियन की तरफ जा सकते है ।

किसी महिला को ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी या थायराॅयड जैसी बीमारी है तो उनके लिए सिजेरियन ही बेस्ट मानी जाती है पर इसके नुक्सान भी कुछ कम नहीं है तो सब से पहले ये बहुत ही खर्चीला प्रोसेस है , सिजेरियन के बाद स्तनपान करने में प्रॉब्लम आ सकती है , बात रही रिकवरी तो वो भी लम्बी चलती है और बच्चे को भी जाॅन्डिस जैसी बीमारी होने का खतरा ये होता है ।

और बात रही नार्मल  डिलीवरी की तो ये सब से बेस्ट मानी जाती है क्यू की ये नेचरल प्रोसेस है इस में कुछ बच्चे को भी कोई संक्रमण होने का खतरा ये नहीं होता है ।

.नॉर्मल डिलीवरी होने के कुछ टिप्स | delivery ki jankari

तो अभी हम आपको बता देते है की नार्मल डिलीवरी टिप्स हिंदी तो सब से पहले माँ बनाना ये बहुत ही ख़ुशी का सफर होता है तो आप भी हमेशा खुश ही रहिए । जितना आप टेंशन फ्री हो सकता है उतना आप कोशिश कीजिये ।

आपको अपने वजन पर भी कण्ट्रोल रखना होगा तो उसके लिए आप डॉक्टर की सलाह लेकर आपके लिए उचित वजन कितना होगा ये आप जान लीजिये । आपको अपने शरीर को आराम देना होगा उसके लिए पूरी नींद लेनी होगी और हमेशा आपको हाइड्रेट रहना ही चाहिए , आप कंटोल में योगा और कसरत भी कर सकते हो ।

तो ये थी कैसे पता चलेगा डिलीवरी नार्मल होगा कि सिजेरियन , नार्मल डिलीवरी टिप्स हिंदी , सिजेरियन डिलीवरी के फायदे और नुसकान क्या है इस सब की जानकारी तो आपको बता देते है की इसके बारे में जानकारी तो इस आर्टिकल में आपको जो भी जानकारी दी है वो सिर्फ आपकी एक्स्ट्रा जानकारी के लिए ही ये आर्टिकल लिखा गया है तो आप ये आर्टिकल को पढ़ कर या फिर इंटरनेट का कोई और वीडियो या फिर आर्टिकल को पढ़ कर आप खुद से कुछ भी मत कीजिये अपने डॉक्टर की लेने के बाद ही आप कुछ भी कीजिए ।

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